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हमारे बारे में

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति

भारत माता चित्र

स्थापना

२१ जून सन १९३४ को हिंदी प्रचार संघ नामक आद्य संस्था पुणे में महात्मा गांधी के हाथों स्थापित की गई। इसी संस्था के विकसित रूप में सन १९३६ में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, पुणे की स्थापना हुई।

पुस्तक प्रेमी चित्र

हमारा उद्देश्य

  1. भारतीय संविधान की धारा ३४३ और ३५१ के अनुसार भारत गणराज्य द्वारा स्वीकृत राष्ट्रलिपि देवनागरी में लिखी जानेवाली राष्ट्रभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करना, साथ ही राष्ट्रीय एकात्मता बढ़ाने के लिए अन्य उपक्रमों संयोजन करना ।
  2. हिंदी भाषा के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के संबंध विकसित करने का विविधांगी प्रयास करना ।
  3. हिंदी भाषा एवं साहित्य की अभिवृद्धि के लिए यथासंभव प्रयास करना ।
  4. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के परीक्षा केंद्रों, प्रचार तथा परीक्षार्थियों की संख्या में वृद्धि करने का निरंतर प्रयत्न करना और परीक्षाओं के लिए अध्ययन अध्यापन की कक्षाओं का प्रबंध करना और कराना।
  5. साक्षरता तथा प्रौढ़ शिक्षा का प्रबंध करना।
श्री. ज गं फगरे

हमारे संचालक

श्री. ज गं फगरे

हिंदी गीत

भारत जननी एक हृदय हो। एक राष्ट्रभाषा हिंदी में, कोटि-कोटि जनता की जय हो । भारत ॥

स्नेह सिक्त मानस की वाणी, गूँजे गिरा यही कल्याणी, चिर उदार भारत की संस्कृति सदा अभय हो, सदा अजय हो । भारत ॥

मिटे विषमता सरसे समता, रहे मूल में मीठी ममता, तमस कालिमा को विदीर्ण कर जन-जन का पथ ज्योतिर्मय हो । भारत ।।

जाति-धर्म भाषा विभिन्न स्वर, एक राग हिंदी में सजकर, झंकृत करे हृदय तंत्री को स्नेह भाव प्राणों में लय हो, भारत जननी एक हृदय हो ।

गीत के रचेते

“पं. रामेश्वरदयाल दुबे”

पत्ते / संपर्क केंद्र

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